पीएम मोदी को ट्रंप ने अचानक भेजा न्‍योता

नई दिल्लीः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाजा पीस समिट 2025 के लिए मिस्र के शर्म-अल-शेख आमंत्रित किया. यह समिट गाजा पट्टी में सीजफायर और क्षेत्रीय शांति स्थापित करने के लिए आयोजित की जा रही है. हालांकि, भारत सरकार ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री की जगह विदेश राज्‍यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को पीएम मोदी का विशेष प्रतिनिधि बनाकर भेज दिया. इस कदम को कूटनीतिक तौर पर संतुलन और रणनीतिक जवाब माना जा रहा है.

सूत्रों के अनुसार, ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने पीएम मोदी को आखिरी मिनट में आमंत्रित किया. आमंत्रण मिलने के बाद कूटनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शर्म-अल-शेख का दौरा करेंगे. लेकिन भारत ने सावधानी बरतते हुए विदेश राज्‍यमंत्री को भेजकर भारत की मौजूदगी सुन‍िश्च‍ित की.

मिस्र की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार समिट का उद्देश्य है गाज़ा पट्टी में युद्ध को समाप्त करना. मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता को मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग का नया अध्याय खोलना. इस समिट में जर्मनी के चांसलर फ्रिडरिख मेर्ज़, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी हिस्सा लेंगे.

भारत की तरफ से MoS किर्ति वर्धन सिंह की उपस्थिति यह संदेश देती है कि भारत मध्य पूर्व में सक्रिय और जिम्मेदार खिलाड़ी है. भारत फिलिस्तीनी शांति प्रक्रिया और क्षेत्रीय स्थिरता का समर्थन करता है. भारत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कूटनीति में संतुलित और प्रभावी भूमिका निभा रहा है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अक्टूबर को इज़रायल और हमास के बीच हुए सीज़फायर और बंधक समझौते पर ट्रंप को बधाई दी थी. ट्रंप और मोदी के बीच फोन कॉल के माध्यम से बातचीत हुई थी, जिसमें द्विपक्षीय सहयोग, रक्षा और तकनीक के मुद्दों पर चर्चा की गई.

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