चमोलीः अब तक 72 के शव बरामद

गोपेश्वर। रेस्क्यू टीम ने को दो शव बरामद किए हैं, जिनमें से एक कर्णप्रयाग विकासखंड के कालेश्वर और दूसरा मारवाडी से बरामद हुआ है। वहीं एक मानव अंग का जोशीमठ में नियमानुसार अंतिम संस्कार किया गया। अभी तक आपदा में लापता हुए 205 व्यक्तियों में से 72 के शव बरामद किए जा चुके हैं। इसके अलावा 132 अभी लापता चल रहे हैं, जबकि दो व्यक्ति पूर्व में सुरक्षित मिले थे। अब तक मिले शवों में से 41 की शिनाख्त की जा चुकी है।

सात फरवरी को आई आपदा के बाद से ऋषिगंगा घाटी में अभी भी जनजीवन अस्त-व्यस्त है। तपोवन स्थित विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की टनल से मलबा हटाने का कार्य जारी है। मुख्य टनल से टी प्वाइंट तक पहुंचने के बाद अब एसएफटी (सिल्ट फ्लशिंग टनल) से मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है।

हालांकि टनल में भारी मात्रा में पानी का रिसाव होने के चलते एसएफटी के मुख्य द्वार से भी अभी तक मलबा नहीं हट पाया है। एनटीपीसी के महाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद अहरिवार ने बताया कि टनल से अधिक से अधिक मात्रा में पानी बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद ही एसएफटी में रेस्क्यू किया जा सकेगा।

उधर, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि अभी तक 38 मृतकों के स्वजनों, 12 घायलों और एक परिवार को गृह अनुदान मुआवजा राशि जारी की जा चुकी है। प्रभावित क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य शिविरों में जिला प्रशासन की ओर से अब तक 2271 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है।

ऋषिगंगा नदी पर पैंग गांव के सामने बनी झील से पानी की निकासी के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस(आइटीबीपी) व राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान डटे हुए हैं। यहां पर 300 मीटर लंबी झील बनी हुई है। रेस्क्यू टीम की ओर से झील के मुहाने से मलबा व भारी-भरकम पेड़ों को काटकर हटाया जा रहा है।

बीते दो दिनों में झील से दो फीट पानी कम हो गया है। रेस्क्यू टीम की कोशिश है कि झील के मुहाने से अधिक से अधिक मात्रा में मलबा हटाकर झील के पानी का अधिक से अधिक रिसाव किया जाए। झील से पानी लगातार कम हो रहा है।

 

कुल लापता, 205

शव बरामद, 71

मानव अंग बरामद, 30

अब तक शिनाख्त, 41

अब भी लापता, 134

डीएनए सैंपल,197

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